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भारतभूमि पर जन्मे यशस्वी राजा-महाराजाओं एवं शूरवीर योद्धाओं के साहसी कार्यों तथा बुद्धि-विवेक से लिए गए अनेक निर्णयों से इतिहास के अनगिनत पृष्ठों पर उनके नाम आज भी स्वर्णिम अक्षरों से चमक-दमक रहे हैं। क्योंकि जहाँ एक ओर वे दुश्मन सेना तथा राजाओं से अपनी प्रजा को सुरक्षित रखने के लिए बड़ी से बड़ी मुसीबतों में स्वयं को झोंक देते थे, तो वहीं दूसरी ओर अपने पूर्वजों की निशानी राजमहलों तथा अन्य ऐतिहासिक स्थलों की रक्षा अपनी जान से भी अधिक करने में कभी पीछे नहीं हटते थे। उन्हीं ऐतिहासिक स्थलों में एक नाम 'हल्दीघाटी' भी है, जिन्हें इतिहास में 'रक्ततलाई' के नाम से भी जाना गया है।

प्रस्तुत पुस्तक 'हल्दीघाटी' में वरिष्ठ साहित्यकार एवं इतिहासप्रेमी श्री केशव प्रसाद गुरु (मिश्रा) ने जहाँ एक ओर ऐतिहासिक किले चित्तौड़गढ़ के पूर्व इतिहास से सुधी पाठकों को रूबरू करवाया है तो वहीं दूसरी ओर महाराणा प्रताप के प्रतापी कार्यों, सूझबूझ द्वारा प्रजा की रक्षा, स्वदेश-प्रेम की भावना के साथ सम्पूर्ण जीवन सफर के दर्शन भी करवाने का भी अतिसराहनीय कार्य किया है।

हल्दीघाटी । Haldighati

SKU: 9788177115840
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₹127.50बिक्री मूल्य
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  • Author

    Keshav Prasad Guru (Mishra)

  • Publisher

    Sahityagar

  • No. of Pages

    87

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