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‘वर्चस्व: एको अहं द्वितीयो नास्ति’ पुस्तक में यूपी-बिहार में अन्डरवर्ल्ड के स्थापित होने तथा यहाँ के गैंगवार की घटनात्मक और तथ्यात्मक तरीके से सिलसिलेवार वर्णन है। पुस्तक का पहला चैप्टर देश की राजनीति का अपराधिकरण कैसे हुआ सवाल के जवाब के साथ उत्तर भारत के पहले गैंगवार की जानकारी देता है। हरिशंकर तिवारी और वीरेन्द्र प्रताप शाही के अलावा इस गैंगवार के दूसरे प्रमुख चेहरे जिनके बारे में आमतौर पर लोग नहीं जानते हैं, के बारे में भी बताया गया है। दूसरा चैप्टर वर्चस्व ये बताता है कि 90 के दशक तक आते-आते कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला कैसे अपराध को करोड़ों की कमाई का जरिया बना देता है। तीसरे चैप्टर रक्तपात में मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह के बीच हुए उस गैंगवार की चर्चा की गई है जिसमें विधायक समेत करीब 100 लोगों की हत्या हुई। चौथा चैप्टर संहार अन्डरवर्ल्ड डॉन मुन्ना बजरंगी पर केन्द्रित है तो पाँचवें चैप्टर में उन बाहुबलियों की कहानी है जिन्होंने अपने बाहुबल के दम पर सियासत में एंट्री ली। आखिरी चैप्टर बिहार पर आधारित है जिसमें वहां के अन्डरवर्ल्ड के स्थापित होने की कहानी है। इस चैप्टर में ये भी बताया गया है कि किस तरह यूपी बिहार के माफ़िया के बीच सिंडिकेट बना।

Varchaswa | वर्चस्व | Varchasva : Eko Aham Dwitiyon Nasti

SKU: 9788119555192
₹299.00 नियमित मूल्य
₹269.10बिक्री मूल्य
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  • Author

    Sandeep K Pandey

  • Publisher

    Hind yugm

  • No. of Pages

    192

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