‘इश्क़ बग़ावत’ किसी भी नए-नए जवान हो रहे लड़के की यात्रा है, एक ऐसी यात्रा जो मोहब्बत और क्रांति की जुड़ती हुई हथेलियों के बीचोबीच से गुज़रती है। इस किताब की नज़्में आपको भागम-भाग भरी ज़िंदगी से खींच कर उन्हीं कालिज की पगडंडियों पर पहुँचा देती हैं जहाँ आप अपना दिल छोड़ आए थे।
शेर ऐसे कि जिसपर लाखों रील्स बनते हैं और धड़कते हुए दिलों को बोल मिल जाते हैं।
इसकी कविताएँ जो चेहरा उकेरती हैं वो बिल्कुल आपके हिस्से वाले चेहरे से मेल खाता है।
कुछ ऐसे क्रांति गीत हैं जो आपकी धमनियों में रक्त का प्रवाह बढ़ा देते हैं। और आपकी ज़िद को एक धारदार आवाज़ मिल जाती है। फ़िल्म ‘मेजर’ में अपने पहले ही गीत ‘साथिया’ से चर्चा में आए रितेश रजवाड़ा को उनकी शानदार भाषा शैली और बेहतरीन शायरी के लिए जाना जाता है। फ़िल्मी गीत हों, शेरो-शायरी हो या छात्र आंदोलनों के मंचों से गाई जाने वालीं इंक़लाबी नज़्में, उन्होंने हर जगह अपनी छाप छोड़ी है। स्टूडेंट्स व युवा लिखने-पढ़ने वालों के बीच रितेश सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं।
ये उनकी पहली किताब है।
Ishq Bagawat । इश्क़ बग़ावत
Author
Ritesh Rajwada
Publisher
Hind yugm
No. of Pages
179
























