क्या आपने कभी किसी अजनबी से इतना प्यार किया है कि उसका नाम तक न जानते हुए भी वह आपकी ज़िंदगी का हिस्सा बन गया हो?
'किसी अजनबी के प्यार में’ सिर्फ़ प्रेम कहानियों का संग्रह नहीं, बल्कि टूटते-बिखरते रिश्तों, अकेलेपन की दरारों और आत्मा को छू लेने वाले लम्हों की परतों में लिपटी एक किताब है। इसमें प्रेम, अकेलापन, स्त्री-विमर्श और मानवीय रिश्तों की जटिलताओं को बड़ी सहजता और गहराई से उकेरा गया है। हर कहानी किसी एक किरदार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की अनकही कहानी जैसी लगती है।
इन कहानियों में स्त्रियाँ हैं—चुप नहीं, बोलती हुईं; टूटी नहीं, खुद को समेटती हुईं। ‘वो सर्दियों के दिन थे’ से लेकर ‘जिया ओ जिया’ तक, हर कहानी में एक ऐसी धड़कन है जो पाठकों के भीतर देर तक गूँजती रहती है। लेखिका की भाषा सजीव, दृश्यात्मक और बेहद आत्मीय है—पाठक जब पढ़ता है तो पात्रों के साथ जीने लगता है, रोता है, मुस्कराता है।
यह संग्रह आपको न केवल पढ़ने के लिए मजबूर करेगा, बल्कि हर कहानी खत्म होने के बाद कुछ देर ठहरने को भी कहेगी। क्योंकि कहीं-न-कहीं, इनमें से कोई कहानी आपकी भी हो सकती है।
Kisi Ajnabi Ke Pyaar Mein । किसी अजनबी के प्यार में
Author
Renu Mishra
Publisher
Hind yugm
No. of Pages
203
























