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राहगीर अपने कबीरीयत के लिए पहचाने जाते हैं। राहगीर ने अपनी कविताई और गायकी के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों तथा विडंबनाओं पर कुठाराघात किया है। ‘समझ गए या समझाऊँ?’ राहगीर का दूसरा कविता-संग्रह है जिसमें कवि का चिर-परिचित तेवर मौजूद है।

Samajh Gaye Ya Samjhaun | समझ गए यै समझाऊँ?

SKU: 9788119555642
₹249.00 नियमित मूल्य
₹224.10बिक्री मूल्य
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  • Author

    Rahgir

  • Publisher

    Hind Yugm

  • No. of Pages

    141

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