इस प्रेरक और सक्षम पुस्तक में शेट्टी संन्यासी के रूप में अर्जित ज्ञान का लाभ लेकर हमें सिखाते हैं कि हम अपनी क्षमता और शक्ति की राह में आने वाले अवरोधों को कैसे हटा सकते हैं। प्राचीन बुद्धिमत्ता और आश्रम के समृद्ध अनुभवों को मिश्रित करने वाली यह पुस्तक यह उजागर करती है कि हम नकारात्मक विचारों व आदतों से कैसे उबर सकते हैं और उस शांति तथा उद्देश्य तक कैसे पहुँच सकते हैं, जो हम सभी के भीतर मौजूद है। वे अमूर्त सबक़ों को सलाह और अभ्यासों में बदल देते हैं, जिनका इस्तेमाल करके हम सभी अपना तनाव कम कर सकते हैं, अपने संबंधों को बेहतर बना सकते हैं और अपनी प्रतिभा से संसार को फ़ायदा पहुँचा सकते हैं। शेट्टी इस पुस्तक में यह साबित कर देते हैं कि हर व्यक्ति संन्यासी की तरह सोच सकता है - और उसे सोचना ही चाहिए। यह पुस्तक आपको सिखाएगी : • अपना उद्देश्य कैसे खोजें • नकारात्मकता से कैसे उबरें • अधिक विचार करने की आदत को कैसे रोकें • तुलना प्रेम को कैसे समाप्त कर देती है • अपने डर का इस्तेमाल कैसे करें • ख़ुशी की तलाश करने पर आपको ख़ुशी क्यों नहीं मिल सकती • हर मिलने वाले से कैसे सीखें • आपका अस्तित्व अपने विचारों से भिन्न क्यों हैं • सफलता के लिए दयालुता क्यों अनिवार्य है और भी बहुत कुछ...
सन्यासी की तरह सोचें | Think Like a Monk
Author
Jay Shetty
Publisher
Manjul
No. of Pages
303
























