विख्यात कवि, कथाकार, पत्रकार एवं लेखक डॉ. धर्मवीर भारती पचास वर्षों की अपनी अनवरत साधना के बीच भारतीय साहित्य और संस्कृति के सजग प्रहरी रहे। उनके काव्य और कथा साहित्य में जहाँ रोमानियत की सघनता तथा सामाजिक चेतना और यथार्थ की तीखी-मीठी अनुभूति का गहरा मिश्रण है वहीं उनके सम्पूर्ण निबन्ध-लेखन में एक विशिष्ट प्रकार की तेजस्विता, प्रखरता और प्रतिबद्धता मिलती है। उनके लेखन में अन्तिम दिनों तक वही पैनापन, सन्तुलित दृष्टि और भाषा
की सुगठित शैली नजर आती है। 'साहित्य विचार और स्मृति' धर्मवीर भारती के अब तक अप्रकाशित लेखों में से कुछ विशिष्ट लेखों का संग्रह है। इन लेखों में उनके विचार, साहित्यिक निबन्ध, भाषा, पत्रकारिता और अनेक समकालीन स्मृतियाँ सँजोयी हुई हैं। कुल मिलाकर इसमें उनके सैंतीस लेख संगृहीत हैं । संकलन का यह श्रमसाध्य कार्य हिन्दी की विदुषी लेखिका श्रीमती पुष्पा भारती ने किया है।
साहित्य विचार और स्मृति | Sahitya Vichar aur Smriti
Author
Dr. Dharmveer Bharti
Publisher
Bhartiya Gyanpeeth
No. of Pages
247
























