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असग़र वजाहत जाने-माने लेखक होने के साथ-साथ यायावर भी हैं जो अपने को सामाजिक पर्यटक या सोशल टूरिस्ट कहते हैं। उनकी यायावरी के अनेक रंग हैं। वे यात्रा में केवल स्थानों को ही नहीं देखते बल्कि वहाँ के लोगों को जानने और समझने की कोशिश करते हैं। वे विवरण इतने सजीव तरीके से करते हैं मानो पाठक उनके साथ स्वयं यायावरी कर रहा है। स्वर्ग में पाँच दिन यूरोप के सुंदरतम देश, हंगरी, की यात्राओं की पुस्तक है। इस पुस्तक में असग़र वजाहत हंगरी की सुंदर प्रकृति, जनजीवन और वहाँ के लोगों से इतने प्रभावित हुए कि वे इसे जन्नत या स्वर्ग की उपमा देते हैं। असग़र वजाहत ने हंगरी की कई बार यात्राएँ कीं और कुल मिलाकर उन्होंने वहाँ पाँच वर्ष व्यतीत किये। हंगरी में बिताये प्रत्येक वर्ष को वे एक दिन के बराबर मानते हैं और इसलिए इस पुस्तक का शीर्षक स्वर्ग में पाँच दिन है जो अपने ढंग की अनूठी पुस्तक है जिसमें इस जन्नत के कोरे चित्र ही नहीं बल्कि हंगरी का जीवन उन्होंने पन्नों पर उतारा है। अपने यात्रा-वृत्तांतों से असग़र वजाहत ने हिन्दी में एक नयी शुरुआत की है। लेकिन उनका लेखन यात्रा-वृत्तांत तक ही सीमित नहीं है। उपन्यास, कहानी, नाटक, निबंध - सभी विधाओं में वे लिखते हैं। उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं - बाक़र गंज के सैयद, सबसे सस्ता गोश्त, सफ़ाई गन्दा काम है, जिस लाहौर नईं देख्या ओ जम्या ई नईं, गोडसे /गांधी.कॉम, भीड़तंत्र और अतीत का दरवाज़ा।

स्वर्ग में पाँच दिन | Swarg me Paanch Din

SKU: 9789386534873
₹395.00 नियमित मूल्य
₹335.75बिक्री मूल्य
मात्रा
स्टाक खत्म
  • Author

    Asgar Wajahat

  • Publisher

    Rajpal & Sons

  • No. of Pages

    208

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