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कविकुल गुरु कालिदास ने जहाँ संस्कृत साहित्य में उच्चकोटि के महाकाव्यों और खंडकाव्यों की रचना की, वहीं उत्कृष्ट नाटकों का भी सृजन किया। 'विक्रमोर्वशी' तथा 'मालविकाग्निमित्र' उनके लोकप्रिय नाटक हैं। दोनों ही नाटकों में नायक का नायिका से अकस्मात् मिलन, संयोग, वियोग और अंत में पुनर्मिलन होता है। यह कालिदास की ही विशेषता है कि नायक नायिका के सुख-दुःख में जड़ प्रकृति भी मुखरित हो उठती है।

विक्रमोर्वशी | Vikramorvashi

SKU: 9788170287766
₹195.00 नियमित मूल्य
₹175.50बिक्री मूल्य
मात्रा
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  • Author

    Kalidas

  • Publisher

    Rajpal & Sons

  • No. of Pages

    152

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