राजस्थान की अर्थव्यवस्था अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों, प्रतियोगी परीक्षाओं के उम्मीदवारों, राज्य सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों एवं आम पाठक के लिए उपयोगी व ज्ञानवर्धक है। पुस्तक 23 अध्यायों एवं एक परिशिष्ट में विभक्त है, जिसमें राज्य सकल घरेलू उत्पत्ति, प्राकृतिक संसाधन, मानव संसाधन, कृषि, पशुपालन व डेयरी, उद्योग, पर्यटन, आधारभूत ढांचा, सार्वजनिक निजी सहभागिता के साथ-साथ राजस्थान में गरीबी व बेरोजगारी की समस्या पर अद्यतन सामग्री प्रस्तुत की गई है। अध्याय 22 एवं 23 विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं के उम्मीदवारों के लिए लिखे गये हैं, जिसमें कुछ महत्त्वपूर्ण आर्थिक अवधारणाओं जैसे मुद्रा, बैंकिंग, लोकवित्त, मुद्रास्फीति, राजकोषीय नीति, मौद्रिक नीति, आर्थिक वृद्धि, विकास व सतत विकास, मानव विकास सूचकांक, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, ई-कामर्स, स्टाॅक एक्सचेंज व शेयर बाजार, अनुदान, जी.एस.टी. बैंकों के एन.पी.ए. को सरल शब्दों में समझाया गया हैं। परिशिष्ट में अध्यायवार करीब 400 वस्तुनिष्ठ प्रश्न और उनके उत्तर दिये गये हैं। विषय की जरूरत के अनुसार आंकडों का प्रयोग किया गया हैं। सारे आंकड़े प्रामाणिक श्रोतों से लिये गये हैं। पुस्तक की भाषा सरल व बोधगम्य हैं। कठिन आर्थिक शब्दों व वाक्यांशों का अंग्रेजी अर्थ यथास्थान कोष्टक में दिया गया है।
राजस्थान की अर्थव्यवस्था | Economy of Rajasthan
Author
K.L. Goyal,
Tripti Goyal
Publisher
Rajasthani Granthagar
No. of Pages
463