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बुंदेलों की धरती बुंदेलखंड को अपनी प्यास बुझाने लायक पानी हासिल हो पाएगा या दशकों लंबा सूखा हमेशा के लिए आत्महत्याओं और पलायन के अंतहीन सिलसिले में बदल जाएगा? मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर के जंगलों के सरहदी इलाके में बसा टिकटोली गांव डेढ़ दशक में दोबारा जमीन से उखड़ेगा या बच जाएगा? उड़ीसा का नियामगिरि पहाड़ अपनी उपासक जनजातियों के बीच ही रहेगा या अल्युमिनियम की चादरों में ढल कर मिसाइलों और बमबार जहाजों के रूप में देशों की जंग की भट्ठी में झोंक दिया जाएगा? उड़ीसा का ही सतभाया गांव अपनी जादुई कहानियों के साथ समुद्र की गोद में दफ्न हो जाएगा, या उससे पहले ही उसे बचा लिया जाएगा?

ये भारत के ज़मीनी यथार्थ की कहानियां हैं, ऐसी रिपोर्ट जिन्हें मंजीत ठाकुर ने अपनी लंबी खोजपरक यात्राओं में जुटाया है। यह मानवीय त्रासदी और अमानवीय व्यवस्थाओं की एक तस्वीर है, जिसमें हम अपना इतिहास तो देखते ही हैं, भविष्य से भी रूबरू होते हैं।

ये जो देश है मेरा । Ye Jo Desh Hai Mera

SKU: 9789386228420
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₹225.00बिक्री मूल्य
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  • Author

    Manjeet Thakur

  • Publisher

    Juggernaut

  • No. of Pages

    190

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