इस शताब्दी की 100 सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक पुस्तकों में गिनी जाने वाली परमहंस योगानन्दजी की यह विलक्षण जीवन-गाथा आपको संतों और योगियों, विज्ञान और चमत्कार, एवं मृत्यु और पुनरुत्थान के जगत् की एक अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाती है। परमहंसजी जीवन एवं ब्रह्माण्ड के गहनतम रहस्यों पर आत्मा को तृप्त करने वाले ज्ञान एवं मनमोहक वाक्पटुता के साथ प्रकाश डालते हैं। वे हमारे हृदय और मन को मनुष्य के जीवन में निहित आनन्द, आत्मिक सौन्दर्य एवं अनन्त आध्यात्मिक क्षमताओं की ओर उन्मुख करते हैं।
योगी कथामृत का यह सम्पूर्ण संस्करण केवल योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया से प्राप्त किया जा सकता है। यह संस्था इस पुस्तक के लेखक द्वारा स्थापित की गयी है। केवल इसी प्रकाशन में पुस्तक की विषय-वस्तु से संबंधित लेखक की सभी इच्छाओं का समावेश किया गया है जिसमें इस पुस्तक के 1946 संस्करण के बाद लेखक द्वारा जोड़ी गयी व्यापक कथा-वस्तु भी शामिल है।
Autobiography of a Yogi | योगी कथामृत
Author
Paramahansa Yogananda
Publisher
Yogoda Satsanga Society of India
No. of Pages
517
























