पद्मश्री सम्मानित और राष्ट्रीय सेवा योजना के संस्थापक डॉ. एस. एन. सुब्बाराव कहते थे कि थोपा हुआ अनुशासन व्यक्ति को आदर्शवादी नहीं बनाता, व्यक्ति की वास्तविक खुशी दूसरों को खुश देखने में होनी चाहिए। वे कहते हैं कि वाहन चलाने का लाइसेंस मिलने का अर्थ यह नहीं होता कि हम सड़क पर चलने के नियमों को तोड़े, बल्कि इसका अर्थ होता है कि हम नियमों का पालन करें। भारत में इसका उल्टा ही हो रहा है, हम नियम और कानूनों को तोड़कर आनन्द की अनुभूति करते हैं। ये नियम और कानून तो मनुष्य की भलाई के लिए होते हैं।
महात्मा गाँधी और सुब्बाराव । Mahatma Gandhi aur Subbarao
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Author
Dr. S. N. Subbarao
Publisher
Govind Prakashan
No. of Pages
216
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