“मैं अनायास बैंक डकैती का गवाह बन गया। मैं पाँच डाकुओं में से एक की शिनाख्त कर बैठा और उसे फांसी दिलवाने की वजह बना। नतीजतन बाकी के चार डाकू मेरी जान के दुश्मन बन गए। जान बचाने के लिए मुझे अपनी बैंक की नौकरी छोड़नी पड़ी, शहरबदर होना पड़ा। फिर चार साल बाद . . .” टॉप मिस्ट्री राइटर सुरेन्द्र मोहन पाठक की चमत्कारी लेखनी की यादगार दस्तावेज
Meri Jaan Ke Dushman | मेरी जान के दुश्मन
SKU: 9789392147838
₹199.00 नियमित मूल्य
₹179.10बिक्री मूल्य
स्टाक खत्म
Other Options
Author
Surendra Mohan Pathak
Publisher
Om Sai Tech Books
No. of Pages
208
अभी तक कोई समीक्षा नहींअपने विचार साझा करें।
समीक्षा लिखने वाले पहले व्यक्ति बनें।
























