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भारतेंदु हरिश्चंद्र (९ सितंबर १८५०-७ जनवरी१८८५ ) का जन्म काशी में हुआ। उनके पिता गोपाल चंद्र एक अच्छे कवि थे और गिरधर दास उपनाम से कविता लिखते थे। भारतेंदु हरिश्चंद्र को आधुनिक हिंदी साहित्य का पितामह कहा जाता है। उन्होंने देश की गरीबी, पराधीनता, शासकों के अमानवीय शोषण का चित्रण को ही अपने साहित्य का लक्ष्य बनाया। वह कवि, व्यंग्यकार, नाटककार, पत्रकार. संपादक, गद्यकार, कुशल वक्ता और समाज सेवक थे । उनको अंग्रेजी, संस्कृत, मराठी, बंगला, गुजराती, पंजाबी और उर्दू भाषायों का भी अच्छा ज्ञान था । उन्होंने 'हरिश्चंद्र पत्रिका', 'कविवचन सुधा' और 'बाल विबोधिनी' पत्रिकाओं का संपादन भी किया।

Bharatdurdasha aur Andher Nagri | भारतदुर्दशा और अंधेर नगरी

SKU: 9789395437196
₹199.00 नियमित मूल्य
₹159.20बिक्री मूल्य
मात्रा
  • Author

    Bhartendu Harishchandra

  • Publisher

    Kitabeormai Publications

  • No. of Pages

    114

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