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गौरा पंत 'शिवानी' का जन्म 17 अक्तूबर, 1923 को विजयादशमी के दिन राजकोट, गुजरात में हुआ।

आधुनिक अग्रगामी विचारों के समर्थक पिता श्री अश्विनीकुमार पांडे राजकोट स्थित राजकुमार कॉलेज के प्रिंसिपल थे, जो कालान्तर में माणबदर और रामपुर की रियासतों में दीवान भी रहे। माता और पिता दोनों ही विद्वान्, संगीत-प्रेमी और कई भाषाओं के ज्ञाता थे। साहित्य और संगीत के प्रति एक गहरा रुझान शिवानी को उनसे ही मिला। शिवानी जी के पितामह संस्कृत के प्रकांड विद्वान् पं. हरिराम पांडे, जो बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में धर्मोदेशक थे, परम्परानिष्ठ और कट्टर सनातनी थे। महामना मदनमोहन मालवीय से उनकी गहन मैत्री थी। वे प्रायः अल्मोड़ा तथा बनारस में रहते थे, अतः अपनी बड़ी बहन तथा भाई के साथ शिवानी जी का बचपन भी दादाजी की छत्रछाया में उक्त स्थानों पर बीता, उनकी किशोरावस्था शान्तिनिकेतन में और युवावस्था अपने शिक्षाविद् पति के साथ उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों में। पति के असामयिक निधन के बाद वे लम्बे समय तक लखनऊ में रहीं और अन्तिम समय में दिल्ली में अपनी बेटियों तथा अमरीका में बसे पुत्र के परिवार के बीच अधिक समय बिताया। उनके लेखन तथा व्यक्तित्व में उदारवादिता और परम्परानिष्ठता का जो अद्भुत मेल है, उसकी जड़ें इसी विविधमयतापूर्ण जीवन में थीं।

चिरस्वयंवरा | Chirswayamvara

SKU: 9788183611183
₹199.00 नियमित मूल्य
₹179.10बिक्री मूल्य
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  • Author

    Shivani

  • Publisher

    Radhakrishan Prakashan

  • No. of Pages

    131

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