अमनगर (ईडर) रा राजा करणीसिंघजी रो देहांत व्हीयो । वां री पांचूं राणियां, सती होण सारं नाळेर उठाय लीधा । सती होण लागी, पण अंगरेज रेजिडेंट रुक जाणै रो हुकम दीधो । अमनगर रे कनै ही चार पांच कोस पै बिड़ाली री छावणी। वठा सूं फौरन पैहरों से इन्तजाम व्हे गियों के कोई सती नी व्हे सके। करणीसिंघ रा बेटा तखतसिंघजी जोधपुर राज माथै खोळया गयोड़ा। अमनगर रा अर जोधपुर रा सारा सिरदार उमराव चावै के से सतियां व्हे जावे पण किण री ही हीमत व्हे कोनी, सारा डरपै । अंगरेजां से जमतो राज । हुकमत पूरी जोर पै, हुंकम बिना पानड़ो नीं हाले । होवण वाळी सारी सतियां सिरदारों ने बुलाय कहियो,
Gir Uncha Uncha Gadha | गिर ऊंचा ऊंचा गढ़ां
SKU: 9789394649729
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Author
Rani Laxmi Kumari Chundawat
Publisher
Rajasthani Granthagar
No. of Pages
124
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