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प्रिय पाठकों,

मेरे प्रथम कहानी संग्रह 'अपने आसपास को आपने जितनी आत्मीयता से अपनाया वह मेरे लिए एक सुखद अनुभूति है। आपका प्यार मैं हमेशा स्मरण करता रहूंगा। आपके सुझावों को मैंने इस कहानी संग्रह में विशेष स्थान दिया है। 'अंधा कुआं' मेरा दूसरा कहानी संग्रह है, जिसमें मैंने प्यार और मानवीय संवेदनाओं का चित्रण करने की कोशिश की है। इसमें मैंने सतरह कहानियों को विभिन्न रूपों में चित्रित किया है। तमाम कहानियां ही मानव जीवन के इर्द-गिर्द घूम रही हैं। 'अंधा कुआं' हमें इंसानियत की तरफ रूख मोड़ने का संकेत देता है तो 'विदाई सरहद पर फर्ज एवं रिश्ते के बीच तालमेल का ताना-बाना है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर चित्रित की हुई कहानी 'रानी सुलखना' बनाये हुऐ रिश्तों की सुदृढ़ता पर जोर देती है। मानव-संवेदनाओं को विशेष रूप से उजागर करती हुई कहानियां 'इंतजार तीन पीढ़ियों का', 'मेरा दीपक तेरे आंगन', 'निर्दोष पर जुल्म क्यों और 'चौथा सेहरा' मनुष्य को पल-पल झिंझोड़ती हैं।

अंधा कुआ | Andha Kua

SKU: 8179320235
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  • Author

    Major Ratan Jangir

  • Publisher

    Sahitya Chandrika

  • No. of Pages

    175

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