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"जब शब्द नीति बनते हैं, और कथाएँ जीवन की दिशा देती हैं..." भारत के प्राचीनतम ग्रन्थों में से एक पञ्चतन्त्र केवल पशु-पक्षियों की कहानियों का संग्रह नहीं है, यह है—जीवन के हर मोड़ पर सही निर्णय लेने की एक कला। आचार्य विष्णु शर्मा द्वारा रचित यह कालजयी ग्रंथ, मनुष्य के मन, बुद्धि और व्यवहार की गहराइयों को स्पर्श करता है। यह पुस्तक एक प्रयास है—उन अद्भुत नीतियों और गूढ़ शिक्षाओं को आज की भाषा और संवेदना में पाठकों तक पहुँचाने का। इस विश्लेषणात्मक प्रस्तुति में आपको मिलेगा— मंगलाचरण की विलक्षण व्याख्या, जहाँ ईश्वर से लेकर प्रकृति तक का आह्वान है राजनीति, कूटनीति और जीवन-दर्शन के महान आचार्यों को समर्पण एक महान राजा की पीड़ा—जिसके पुत्र मूर्ख हैं, पर आशा अभी जीवित है वह दृष्टिकोण, जो पंचतन्त्र को केवल कहानियों का संग्रह नहीं, जीवन का व्यावहारिक ग्रंथ सिद्ध करता है यदि आप चाहते हैं—बुद्धिमत्ता के साथ जीना, निर्णय लेने की कला सीखना, और भारतीय ज्ञान परंपरा की गहराइयों में उतरना, तो यह पुस्तक आपके लिए ही है। पञ्चतन्त्र को पढ़ना मात्र एक अनुभव नहीं, बल्कि आत्मचिंतन की एक यात्रा है—जो आपको स्वयं से जोड़ती है। यह पुस्तक ज्ञान की उस दीपशिखा की तरह है, जो आपके मन के अंधकार को आलोकित कर सकती है।

Panchatantra | पंचतंत्र

SKU: 9789395437486
₹395.00 नियमित मूल्य
₹316.00बिक्री मूल्य
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  • Author

    Pt. Vishnu Sharma

  • Publisher

    Kitabeormai Publications

  • No. of Pages

    289

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