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अविनाश मिश्र कृत ‘नये शेखर की जीवनी’ का अज्ञेय कृत ‘शेखर : एक जीवनी’ से केवल इतना ही संबंध है कि नये शेखर ने पुराने शेखर से ईमानदारी सीखी है। इस प्रशिक्षण में जीवन घनघोर और नगर शोर हो गए हैं। ‘शेखर त्रयी’ के अंग और अब तक प्रकाशित ‘नये शेखर की जीवनी’ के दो खंडों—‘आगमन’ और ‘प्रस्थान’—में 1986-2036 के बीच के भारतीय नागरिक समय का स्वप्न और दु:स्वप्न, यथार्थ और कल्पना, आदर्श और पतन दर्ज हैं। हिंदी-साहित्य-संसार इस समय के सतत साथ है और घटनाएँ कालानुक्रमिक नहीं हैं। यहाँ घटनाएँ हो चुके समय से लेकर हो रहे समय में और होने वाले समय तक में फैल गई हैं। यह नागरिक समय युवा-उत्तेजना, फ़साद, महामारी, आंदोलन, प्रतिकार के रसायन से बना है। प्रेम यहाँ खो रहा है और होना भी... ‘शेखर त्रयी’ के अंतिम खंड ‘अन्वेषण’ में इस सबके बीच होकर खो चुकी एक रचना की तलाश होगी।

Naye Shekhar Ki Jeevani - Prasthan | नये शेखर की जीवनी - प्रस्थान

SKU: 9788119555031
₹299.00 नियमित मूल्य
₹269.10बिक्री मूल्य
मात्रा
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  • Author

    Avinash Mishra

  • Publisher

    Hind yugm

  • No. of Pages

    240

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