पुस्तक' मारुतिनन्दन' का उद्देश्य हनुमान भक्तों तथा जिज्ञासु पाठकों को माता अंजना, हनुमानजी की जन्म कथाओं, बाल्यकाल, ऋषियों द्वारा श्राप, सूर्य द्वारा शिक्षा, हनुमानजी का विवाह तथा उनका पुत्र और हनुमानजी का सर्वशक्तिमान, सर्वगुण सम्पन्न व प्रभु श्रीराम के परम भक्त के सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराना है। पुस्तक में श्रीरामचन्द्रजी द्वारा हनुमानजी की प्रशंसा, माता जानकी का उनके प्रति अनुपम स्नेह, भीम, अर्जुन, शनि, सत्यभामा (श्रीकृष्ण की पत्नी), गरूड़, सुदर्शन चक्र का गर्व हरण का विस्तृत वर्णन है।
पुस्तक में सभी प्रसंग वाल्मीकीय रामायण, रामचरित मानस तथा विश्वसनीय माध्यमों से संकलित किये गये हैं। आशा है, पुस्तक पठन से आपकी (मारुतिनन्दन से सम्बन्धित) ज्ञान पिपासा अवश्य शान्त होगी ।
मारूतिनन्दन | Marutinandan
Author
Bhawani Singh
Publisher
Unique Traders
No. of Pages
151