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(1) 'इतिहासः पुरावृत्तः' कोशकारों ने पुरानी बातों को इतिहास कहा है। इस समय के पण्डितों में कोई सत्पात्रों के चरित्र को, कोई उनके यश को, कोई उनके सम्मेलन को, कोई देश कालादि की परिस्थिति प्रकट होने को और कोई लड़ाइयों के वर्णन आदि को इतिहास मानते हैं। अस्तु । (2) वाल्मीकि रामायण, महाभारत और पुराण आदि प्राचीनकाल के आदर्श इतिहास हैं। इनमें

भारत का सुन्दर और ज्ञातव्य इतिहास भरा हुआ है। इनके सिवा रघुवंश आदि काव्यों और

उपनिषदों में भी आवश्यक इतिहास के अच्छे अंश मौजूद हैं और उनसे संसार का हित हुआ है, हो

रहा है और आगे भी होगा।

(3) वर्तमान समय के इतिहासों में पृथ्वीराज रासो और वंश भास्कर जैसे विराट ग्रन्थ भाषा- कविता के हैं और टाडराजस्थान, बाक ए. राजस्थान, इतिहास राजस्थान और राजपूताने का इतिहास आदि नवीन खोज के हैं। इनमें रासो का अनुकरण अनेकों इतिहासकारों ने किया है और ओझाजी के इतिहास से बहुतों का सुधार हुआ है।

(4) इतिहास एक ऐसी वस्तु है जिसके पढ़ने देखने या सुनने से अनेक बातों का अनुभव अभ्यास

और अनुमान अपने आप हो जाता है और अनेक कार्यों के करने न करने या किस प्रकार करने आदि

की विधि सुविधा और सावधानी सूझ आती है। इसके सिवा यह अनुमान भी किया जा सकता है कि

पहले अमुक अवसर में ऐसा हुआ था। आगे ऐसा हो सकेगा और अब ऐसा करना चाहिये।

(5) कुछ दिनों से लोगों की रुचि इतिहासों की ओर ज्यादा बढ़ी है। अनेक आदमी अपने देश जाति या पुरुषों के इतिहास ढूँढते, बनाते और छपाते हैं। ऐसा करने में बहुतों को बहुत कम कठिनाई होती है। वे किसी नामी ग्रन्थ से आवश्यक अंश लेकर इतिहास तैयार कर लेते हैं और खुद न कर सके तो दूसरों से बनवा लेते हैं।

(6) किन्तु जो लोग अनेक जगह से ...

नाथावतों का इतिहास | Nathawaton Ka Itihas

SKU: 8186103872
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  • Author

    Hanumam Sharma

  • Publisher

    Rajasthani Granthagar

  • No. of Pages

    232

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