संस्कृत के सर्वश्रेष्ठ कवि कालिदास ने 'कुमारसंभव' महाकाव्य में शृंगार-सौन्दर्य का जैसा वर्णन किया है वैसा अन्यत्र दुर्लभ है। 'उपमा कालिदासस्य' तो प्रसिद्ध ही है कि आज तक कोई कवि कालिदास जैसी उपमा नहीं दे सका। 'कुमारसंभव' में कालिदास ने शिव-पार्वती के अंतरंग क्षणों का ऐसा जीवन्त सौन्दर्य-चित्रण किया जो संस्कृत साहित्य में अनुपम है।
'कुमारसंभव' संस्कृत साहित्य की गौरवपूर्ण कृतियों में एक उल्लेखनीय महाकाव्य है जिसको पढ़ते समय पाठक उसी में रम जाता है।
कुमारसंभव । Kumarsambhav
SKU: 9788170287728
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Author
Kalidas
Publisher
Rajpal & Sons
No. of Pages
120
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