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स्मृति की रेखाएँ महादेवी मूलतः कवयित्री हैं, परंतु उन्होंने गद्य में भी श्रेष्ठ लेखन किया। विशेष बात यह है कि हिंदी साहित्य में उनके रेखाचित्र जिस शिखर पर खड़े हैं, उन्हें छूनेवाला आज तक कोई नहीं हुआ। एक महादेवी ही हैं, जिन्होंने गद्य में भी कविता के मर्म की अनुभूति कराई और ‘गद्यं कवितां निकषं वदन्ति’ को चरितार्थ किया। स्मृति की रेखाएँ में निरंतर जिज्ञासाशील महादेवी ने अपनी स्मृति के आधार पर अमिट रेखाओं द्वारा अत्यंत सहृदयतापूर्वक जीवन के विविध रूपों को चित्रित कर पात्रों को अमर कर दिया है। महादेवी ने अपने अधिकांश रेखाचित्रों में निम्नवर्गीय पात्रों की विशेषताओं, दुर्बलताओं और समस्याओं का चित्रण किया है। वृद्ध ‘भक्तिन’ की प्रगल्भता तथा स्वामि-भक्त ‘चीनी युवक’ की करुण मार्मिक जीवन-गाथा, पर्वत के कुली ‘जंगबहादुर’ की कर्मठता और फिर ‘मुन्नू’, ‘ठकुरी बाबा’, ‘बिबिया’ तथा ‘गुँगिया’ जैसे चरित्रों की मर्मस्पर्शी जीवन-झाँकियाँ पाठक को अभिभूत कर देने में सक्षम हैं।

स्मृती की रेखाएँ | Smriti Ki Rekhaye

SKU: 9788180313011
₹150.00 Regular Price
₹135.00Sale Price
Quantity
Out of Stock
  • Author

    Mahadevi Verma

  • Publisher

    Lokbharti Prakashan

  • No. of Pages

    118

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