top of page
Product Page: Stores_Product_Widget

शोभना पाटिल बांद्रा के एक रेस्टोरेंट में मौजूद थी जहाँ उसकी अपने पति मकरन्द से एक बजे की लंच अप्वायंटमेंट थी। दस मिनट पहले वो उसे रेस्टोरेंट में दाखिल होता और उसकी तरफ आता दिखाई दिया। लेकिन उसके आश्चर्य का पारावार न रहा जबकि वो बिना उस पर निगाह डाले उसके करीब से गुजर गया। क्या उससे मकरंद को पहचानने में गलती हुई थी? नामुमकिन! फिर आगामी घटनाक्रम से स्थापित हुआ कि वो मकरंद नहीं, उसका कोई हमशक्ल था! हमशक्ल एक अरसे से अप्रकाशित कहानियों का संग्रह सुरेन्द्र मोहन पाठक की चमत्कारी लेखनी की यादगार दस्तावेज साहित्य विमर्श प्रकाशन की गौरवशाली प्रस्तुति

हमशक्ल । Hamshakl

SKU: 9789392829406
₹249.00 Regular Price
₹224.10Sale Price
Quantity
Out of Stock
No Reviews YetShare your thoughts. Be the first to leave a review.

RELATED BOOKS 📚 

bottom of page