इतिहास घटनाओं एवं तथ्यों का प्रामाणिक संकलन है। साहित्य अंतस् की अनुगूँज है जो कल्पनाश्रित तो है किन्तु जीवन की वास्तविकताओं का सुग्राह्य और विश्लेषणात्मक अभिलेख है। 'सिकंदर महान्' चन्द्रशेखर पाठक की ऐसी ही कृति है जो एक ओर सिकंदर के जीवन चरित्र को साकार करती है और दूसरी ओर सिकंदर के शौर्य की इतिहास सम्मत गाथा है। पुस्तक की आकृति और प्रकृति जीवनी विधा को साकार करती है।
इतिहास पर कलम चलाना कोई सरल काम नहीं है। लेखक को तथ्यों का गहन अध्ययन करना पड़ता है और विचार-सागर का मंथन करके उपयोगी मौक्तिक तलाशने पड़ते हैं तब अपनी कल्पना के धागे में प्रासंगिकता का ध्यान रखते हुए रचना रूपी माला का गुंथन करना पड़ता है। निस्संदेह श्री पाठक इस सम्पूर्ण प्रक्रिया से दो-चार हुए हैं।
ग्रीस में जन्मे फिलिप के पुत्र सिकंदर को महान् कहा जाता है। भारतीय इतिहास में सम्राट अशोक और मुगल शासक अकबर को भी 'महान्' की उपाधि से विभूषित किया गया है। ऐसा उनके विचारों, और लोककल्याणकारी चिंतन के कारण हुआ है। श्री चन्द्रशेखर पाठक ने सिकंदर के जीवन चरित्र का व्यापक और गहन अध्ययन और विश्लेषण करते हुए प्रभावपूर्ण शैली में जीवनी के रूप में शब्दबद्ध किया है।
सिकन्दर महान् । Sikandar Mahan
Author
Chandrsen Pathak
Publisher
Aravali Prakashan
No. of Pages
144