शेखावत साहब का मजाकिया स्वभाव था, उन्हें पत्रकारों के साथ हंसी-ठठा करना अच्छा लगता था। एक दफा मैं शेखावत साहब के साथ स्टेट प्लेन से जालन्धर जा रहा था। मुख्यमंत्री वहां आयोजित 'हिन्द समाचार पत्र समूह ग्रुप' के शहीद परिवार फंड वितरण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। जब मैं प्लेन में बैठकर सीट बेल्ट बांधने लगा तो बेल्ट मुझे बड़ा पेट होने के कारण टाईट था। जिसे देख शेखावत साहब ने कहा, ये आदमियों के बांधने का है, मैंने जवाब दिया, हाँ! साहब आपकी संगत पशुओं को साथ रखने की है, मैं क्या करूं, ये सुन वे हंसने लगे। -(इसी किताब के पन्नों से)
शेर-ए-राजस्थान | Sher-A-Rajasthan
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Author
Satya Pareek
No. of Pages
404
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