"देर रात तक" गौरव गुप्ता की छोटी-छोटी कहानियों का एक अद्वितीय संग्रह है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं और उसके अनगिनत क्षणों को गहराई से समझने का प्रयास करता है। यह पुस्तक हमें जीवन की जटिलता और उसकी सरलता के बीच के संघर्ष को उजागर करती है। यहाँ कहानियाँ प्रेम की हताशा, आशा, इंतजार, और अंधकार से उजाले की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। गौरव गुप्ता ने अपनी इस कृति में जीवन के हर उस क्षण को पकड़ा है जो हमें सोचने, ठहरने और आगे बढ़ने पर मजबूर करता है। यह पुस्तक उन पाठकों के लिए है जो जीवन के बिखरे टुकड़ों में एक समग्र तस्वीर देखना चाहते हैं, जो अपने अतीत से साक्षात्कार करना चाहते हैं और उन भावनाओं का सामना करना चाहते हैं जिन्हें हमने कभी कहीं पीछे छोड़ दिया था। लेखक के बारे में: गौरव गुप्ता एक युवा कवि और लेखक हैं जिन्होंने अपनी साहित्यिक यात्रा में महत्वपूर्ण मुक़ाम हासिल किया है। उनका प्रसिद्ध कविता संग्रह "तुम्हारे लिए" (2018) मुम्बई लिटरेचर फेस्टिवल में बेस्ट पांडुलिपी अवार्ड से सम्मानित हो चुका है। उनकी रचनाएँ कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्मों पर प्रकाशित हुई हैं, और वे एक कुशल अनुवादक भी हैं। उन्होंने महमूद दरवेश, निज़ार क़ब्बानी जैसे महत्वपूर्ण कवियों की कविताओं का अनुवाद किया है, जो साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। "देर रात तक" उनकी नवीनतम पुस्तक है, जो पाठकों को एक नए दृष्टिकोण से जीवन को समझने का अवसर प्रदान करती है।
देर रात तक । Der Rat Tak
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Author
Gaurav Gupta
Publisher
Pankti Prakashan
No. of Pages
176