top of page
Product Page: Stores_Product_Widget

जाने क्या आकर्षण था अथर्व में जो मंजुला जैसी सुदृढ़ और प्रखर युवती को अपनी ओर खींचे जा रहा था। शायद अथर्व से मिलकर मंजुला की तलाश मुकम्मल हो गई थी। पीली पड़ चुकी सफ़ेद प्यालियों में चाय की चुस्कियों के साथ, एक टपरीनुमा पार्टी ऑफ़ि‍स की छत तले मिस मंजुला गर्ग का प्यार परवान चढ़ता रहा। समाज के लिए एक आदर्श सोच रखने वाले अथर्व और उन्हें ज़मीनी स्तर पर पूरा करने का इरादा रखने वाली मंजुला का साथ परफेक्ट था। तभी तो आँख मूँद उसके पीछे-पीछे चल पड़ी थी वो। उसके सपने लड़कियों के आम सपनों से कुछ अलग थे। एक घिसी-पिटी परिपाटी में ही जीवन जी लेना मंजुला को स्वीकार्य नहीं था। अपने सुंदर, सुनहरे, सार्थक भविष्य की कल्पना में अथर्व को केंद्र मान चुकी थी, उसके हर कार्य में सहयोग करने और जी-जान लगा कर पूरा करने को ही जीवन का उद्देश्य बना लिया था मंजुला ने। भले ही उसे एक कठिन चुनाव करना पड़ा था, अपनी घनिष्ठतम स्वरा और अथर्व के बीच, पर उसने अथर्व का आदर्श साथ चुन लिया था। लेकिन कुदरत के भी संतुलन बनाए रखने के अपने अनोखे तरीक़े होते हैं। बरसों पहले की मंजुला और स्वरा में भी मानो रोल रिवर्सल हो गया था। अथर्व वर्मा, स्वरा श्रीवास्तव, डॉ अक्षय तथा सपनों और वास्तविकता के बीच एक सी-सॉ में बैठी मंजुला गर्ग की कहानी है अज्ञातवास।.

अज्ञातवास । Agyaatwaas

SKU: 9789387464889
₹125.00Price
Quantity
Only 1 left in stock
  • Author

    Anupama Naudiyal

  • Publisher

    Hind Yugm

  • No. of Pages

    96

No Reviews YetShare your thoughts. Be the first to leave a review.

RELATED BOOKS 📚 

bottom of page