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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् श्रीराम ने कहा है-लोक पर जब कोई विपत्ति आती है तब वह त्राण पाने के लिये मेरी अभ्यर्थना करता है परंतु जब मुझ पर कोई संकट आता है तब में उसके निवारणार्थ पवनपुत्र का स्मरण करता हूँ। अवतार श्रीराम का यह कथन हनुमानजी के महान व्यक्तित्व का बहुत सुन्दर प्रकाशन कर देता है। श्रीराम का कितना अनुग्रह है उन पर कि वे अपने लौकिक जीवन के संकट मोचन के श्रेय का सौभाग्य सदैव उन्हीं को प्रदान करते हैं और कैसे शक्तिपुंज है हनुमान् जो श्रीराम तक के कष्ट का तत्काल निवारण कर सकते हैं। भगवान श्रीराम के प्रति अपनी अपूर्व, अद्भुत, अप्रतिम, एकांत भक्ति के कारण अन्य की इसी प्रकार की भक्ति का आलंबन बन जाने वाला हनुमान् जैसा कोई अन्य उदाहरण विश्व में नहीं है। यही कारण है कि संस्कृत से लेकर समस्त मध्यकालीन और आधुनिक भारतीय भाषाओं में श्रीहनुमान् के परम पावन चरित्र का गान किया गया है और उनके मंदिर भारत के प्रत्येक कोने में पाये जाते हैं।

श्री रामभक्त शक्तिपुंज हनुमान | Shri Rambhakt Shaktipunj Hanuman

SKU: 9788180315107
₹299.00 Regular Price
₹269.10Sale Price
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  • Author

    Jayram Mishr

  • Publisher

    Lokbharti Prakashan

  • No. of Pages

    230

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