उत्सव और जयन्तियाँ एक विद्यार्थी को सम्पूर्णता की ओर ले जाती है। उसका निर्माण करती है। जीवन भर उसका मार्गदर्शन करती है। इस भ्रमशील और पतनोन्मुख डिजिटल युग में आदर्श मूल्यों से जोड़े रखने तथा उसे आदर्श पुस्तकों से निरन्तर परिचित रखने का कार्य एक शिक्षक ही कर सकता है। पुस्तकें केवल पुस्तकालय में जाकर कैद हो जाय तो न लेखक का और न ही प्रकाशक का सामाजिक दायित्व पूर्ण होता है, बल्कि उन्हें पढ़ने के प्रेरणा देने के लिए शिक्षक को स्वयम् पढ़ते रहना चाहिए और अपने विद्यार्थियों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। जो संस्कार अवचेतन मन में जम जाते हैं, वे ही विद्यार्थी को सच्चा मनुष्य बनाने में सहायक होते हैं।
Rashtriya Parv, Utsav evam Jayantiyan | राष्ट्रीय पर्व,उत्सव एवं जयन्तियाँ
SKU: 9789382907299
₹320.00 Regular Price
₹272.00Sale Price
Out of Stock
Author
Prahlad Narayan Pareek
Publisher
Elora Printers
No. of Pages
160
No Reviews YetShare your thoughts.
Be the first to leave a review.
























