चलते-चलते एक विहंग दृष्टि
"जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजो ज्ञान" की चरितार्थ करने वाले संतों में संत कवि रैदास का नाम उल्लेखनीय है प्रस्तुत कृति में संत भक्त कवि रैदास के व्यक्तित्व/कृतित्व पर प्रकाश डाला गया है। उनके जीवनवृत्त के आध्यात्मिक विचारधारा को अवगत कराया है। उनके पदों में ऐक्य एवं अनुभूति की तरलता है, अभिव्यक्ति में सहजता है, सत्य का प्रतिपादन है, जो शाश्वत है, चिंतन है- एक ऐसे भव्य व्यक्तित्व एवं कृतित्व से परिचित होते हैं जो आपस के सारे भेदभाव को मिटाकर आदर्शन की आधारशिला रखते हैं।
Raidas Rachnawali | रैदास रचनावली
SKU: 8177111205
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Author
Raidas
Publisher
Sahityagar
No. of Pages
109
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