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बन्द गली का आख़िरी मकान "यह भी बहुत दिलचस्प ढंग है। वर्षों तक साहित्य में कहानी, नयी कहानी, साठोत्तरी कहानी, अकहानी आदि-आदि को लेकर बहस चलती रहे। लिखनेवाला चुप रहे। वर्षों तक चुप रहे और फिर चुपके से एक कहानी लिखकर प्रकाशित करा दे, और वही उसका घोषणा पत्र हो, गोया उसने सारे वाद-विवाद के बीच एक रचनात्मक कीर्तिमान स्थापित कर दिया हो, कि देखो यह है कहानी!" बन्द गली का आख़िरी मकान प्रकाशित होने पर जो तमाम पत्र लेखक को मिले उनमें से एक पत्र का यह अंश भारती की कथा-यात्रा की दिलचस्प झलक पेश करता है। भारती ने वर्षों के अन्तराल पर इस संकलन की कहानियाँ लिखीं लेकिन हर कहानी अपनी जगह पर मुकम्मिल एक 'क्लासिक' बनती गयी। ये कहानियाँ आप केवल पढ़कर पूरी नहीं करते, ये कहानियाँ कहीं बहुत गहरे पैठकर आपकी जीवन-दृष्टि को पूरी और गहरी बना जाती हैं। इनमें कुछ ऐसा है जो आप पढ़ने के बाद ही जान पाएँगे। प्रस्तुत है इस कृति का नवीन संस्करण ।

बन्द गली का आख़िरी मकान | Band Gali Ka Aakhiri Makan

SKU: 9789326351706
₹200.00 Regular Price
₹180.00Sale Price
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Out of Stock
  • Author

    Dharmveer Bharti

  • Publisher

    Bhartiya Gyanpeeth

  • No. of Pages

    166

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