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तूफ़ान कभी मात नहीं खाते - पंजाबी के प्रसिद्ध कवि अवतार सिंह 'पाश' केवल एक कवि नहीं, अपने युग के वो क़लम-नायक थे, जिन्होंने कविता का स्वर और चेहरा तो बदला ही, अपने समय की चुनौतियों और संघर्ष को आँकने के लिए एक नया नज़रिया भी दिया। उनकी शहादत ने यह सिद्ध कर दिया कि व्यापक मानव मूल्यों के संघर्ष में संस्कृतिकर्मी भी वैसे ही योद्धा हैं, जैसे राजनीतिक कार्यकर्ता । और इस बात की पुरज़ोर तस्दीक़ करती है उन पर सम्पादित यह पुस्तक तूफ़ान कभी मात नहीं खाते। पुस्तक में पाश के विभिन्न संग्रहों से चुनी गयी कई कविताएँ एक साथ संगृहीत तो हैं ही, उन्हें क़रीब से जानने वालों-अतर सिंह, अमरजीत चन्दन और चमनलाल-द्वारा उनके जीवन और कविताओं से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण लेख भी शामिल हैं। साथ ही, आलोचक कमला प्रसाद की पंजाब-यात्रा पर छोटा, लेकिन एक संक्षिप्त नोट भी है जिससे पाठक यह जान सकेंगे कि पाश जैसा कवि जो स्वप्न छोड़ गया है, उसके जागरण की ज़मीन किस तरह से पंजाब में आज तैयार हो रही और इस तैयारी से क्या-क्या वाबस्ता । यहाँ यह भी जान सकेंगे कि पंजाब में कम्युनिस्टों ने देशभक्ति, बहादुरी और बलिदान का जो परिचय दिया, वह आधुनिक भारत के इतिहास में स्मरणीय है तो क्यों ! इन विशिष्ट सामग्रियों के अलावा इस पुस्तक को सुप्रसिद्ध कलाविद् ग्राम्शी पर श्रीप्रकाश मिश्र और महान् अश्वेत जननेता नेल्सन मंडेला पर एल. एस. हरदेनिया के लेख; साम्प्रदायिकता की बलिवेदी पर शहीद हुए उर्दू कथाकार ज़की अनवर, बांग्ला लेखक समरेश बसु, कथाकार स्वयं प्रकाश, नरेन्द्र नागदेव की कहानियाँ; ऋतुराज और हिन्दी के अग्रणी प्रगतिशील कवि विजेन्द्र की कविताएँ और उन पर राजाराम भादू का लेख; समालोचक भृगुनन्दन त्रिपाठी का श्रीकान्त वर्मा के बहुचर्चित कविता-संग्रह मगध पर सारगर्भित आकलन आदि ख़ास तो बनाते ही हैं, संग्रहणीय भी बनाते हैं । कहने की आवश्यकता नहीं कि आज जब पूरी दुनिया में फ़ासिस्टों की तानाशाही अपने चरम पर है, पाश की विशिष्ट रचनाओं को केन्द्र में रखकर तैयार की गयी इस पुस्तक का महत्त्व काफी बढ़ जाता है। वह भी सिर्फ़ पढ़ने भर के लिए नहीं, बल्कि अपने समय को समझने और तमाम चुनौतियों से सामना करने के लिए भी ।

Paash : Toofan Kabhi Maat Nahin Khate | पाश : तूफ़ान कभी मात नहीं खाते

SKU: 9789357752886
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₹285.00Sale Price
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  • Author

    Gyanranjan

  • Publisher

    Vani Prakashan

  • No. of Pages

    295

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