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प्रसिद्ध कहावत है 'घर का भेदी, लंका ढाए'। उसी प्रकार दूर देशों से आए अंग्रेज कभी भारत को या तमाम भारतवासियों को अपनी कूटनीतियों में न फँसा पाते, जब तक हमारे ही देश के कुछेक विश्वासघातों की उनको भरपूर मदद न मिलती। इतिहास गवाह कि जब-जब फिरंगियों ने भारत की पवित्र धरा पर गलत नीयत से कदम रखे, तब-तब उनको मार ही झेलनी पड़ी।

भारत के जांबाजों, शहजादों या नवाबों के अंग्रेजों के साथ अनेक युद्ध हुए, जिसमें एक ऐतिहासिक युद्ध 'प्लासी' का रहा। जिसका संबंध बंगाल से जुड़ा, जब अंग्रेजों ने बंगाल को गलत निगाह से देखते हुए उसे संपूर्ण रूप से अपने कब्जे में लेने की कूटनीति से राज्य के ऐसे विश्वासपात्र व्यक्ति को अपना मोहरा बनाया, जिस पर कोई शक तो क्या उसके बारे में गलत सोच भी नहीं सकता था और वह शख्स था 'मीरजाफर'। जिसने थोड़े-से लालच में आकर केवल अपने नवाब से ही नहीं, बल्कि संपूर्ण राज्य से दगा कर ली और बंगाल की लूट व उजाड़ का कारण बना।

Plasi Ka Yuddh (Bengal Ki Loot) | प्लासी का युद्ध (बंगाल की लूट)

SKU: 9789380405834
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₹212.50Sale Price
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  • Author

    Keshav Prasad Guru (Mishra)

  • Publisher

    Granth Vikas

  • No. of Pages

    143

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