निबंध निलय - निबंधों का यह संग्रह विश्वविद्यालयों की उच्चस्तरीय कक्षाओं के निमित्त किया गया है। इसके माध्यम से एक ओर तो हिंदी निबंध के विकास के सतत चरण उजागर होंगे, दूसरी ओर निबंध के शिल्प और निबंध विधा की मूलवर्ती चेतना सुस्पष्ट हो सकेगी। भारतेंदु युग से अद्यतन निबंध की यात्रा कम रोचक नहीं है। अंग्रेजी साहित्य में 'एसे' की जो महत्ता रही है आज हिंदी में निबंध को वही महत्ता प्राप्त है। हिंदी गद्य-विकास के समूचे वैभव का निबंध ही एकमात्र निकष है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए ऐसे ही महत्त्वपूर्ण निबंधों को इस संकलन में स्थान दिया गया है जो निबंध-समूह में रेखांकित करने योग्य हैं। आरंभ में निबंध को स्पष्ट करने हेतु एक विस्तृत भूमिका दी गई है। यदि इस भूमिका से अध्येता को निबंध और उसकी साहित्यिक महत्ता के संबंध में कोई दृष्टि मिली तो लेखक का श्रम सार्थक होगा। - सत्येन्द्र
निबंध निलय | Nibandh Nilay
Author
Dr. Satyendra
Publisher
Vani Prakashan
No. of Pages
279
























