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दवा और प्रसाद उतना ही लेना चाहिए जितना देने वाले देते हैं, अधिक लेने के लिए जबर्दस्ती नहीं की जाती। इश्क की खुराक इतना आतुर करती है कि लोग खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाते और अपनी तबीयत की औकात से ज्यादा ले लेते हैं फिर पढ़ाई पर गाज गिर जाती है। कुल्हड़ भर इश्क : काशीश्क, प्यार की शीशी पर मार्कर से गोला करके खुराक बताने वाला है जिससे ये पता चलता रहे कि कितना इश्क जीना है और कितनी पढ़ाई करनी है।
कुल्हड़-सा सौंधापन है काशी के इश्क में, कुल्हड़ भर कहने से आशय इश्क को संकुचित करने से नहीं बल्कि नियमित और संतुलित मात्रा में सेवन से है।

कुल्हड़ भर इश्क़ : काशीश्क़ | Kulhad Bhar Ishq : Kashishk

SKU: 9789387464186
₹199.00 Regular Price
₹179.10Sale Price
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Only 1 left in stock
  • Author

    Koshlendra Mishr

  • Publisher

    Hind Yugm

  • No. of Pages

    136

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