व्यक्तित्व विकास स्वयं को मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम बनाने की वह प्रक्रिया है, जो जीवन को सकारात्मक दिशा में अग्रसर करने की प्रेरणा प्रदान करती है। फलस्वरूप छुपी हुई शक्ति के भंडार का स्रोत निहित रूप से स्पष्ट होने लगता है, सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है और ऊपर व अंदर से आनंद की अनुभूति होना निश्चित ही संभव हो जाता है।
विवेक शक्ति उत्पन्न होकर उचित निर्णय लेने में सक्षम बनाती है। इसमें शरीर के अंगों के साथ मन में उठने वाले विचार, आचार-व्यवहार, सबको श्रेष्ठ बनाया जा सकता है और एक उत्कृष्ट इंसान की रचना की जा सकती हैं।
आपको इसकी आवश्यकता साक्षात्कार के समय होगी। तब पूर्ण आत्मविश्वास के साथ कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक स्पष्टता के साथ युक्तियुक्त ढंग से अपने-आपको प्रस्तुत कर सकेंगे।
Aaj Ka Vijeta | आज का विजेता
Author
Harshit Sharma
Publisher
Hind Yugm
No. of Pages
152
























