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प्रस्तुत पुस्तक में अमीर खुसरो (1262-1324) के विशाल साहित्य भण्डार से चुनकर प्रतिनिधि पहेलियाँ, मुकरियाँ, निस्वतें, अनमेलियाँ, दो सुखन और गीत दिए गए हैं जो पाठकों को खुसरो के साहित्य का आस्वाद दे सकेंगे। खुसरो हिन्दी के प्रारम्भिक कवियों में माने जाते हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी खुसरो ने अरबी, फारसी और तुर्की में भी विपुल मात्रा में लेखन किया। अपने को 'हिन्दुस्तान की तूती' कहने वाले खुसरो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 'हिन्दवी' का प्रयोग किया। भारतीय जनजीवन और लोक की गहरी समझ और उसके प्रति प्रेम खुसरो के साहित्य की बड़ी विशेषता है, यही कारण है कि लंबा समय व्यतीत हो जाने पर भी उनकी रचनाएँ आज भी भारतीय जनमानस में लोकप्रिय हैं। सल्तनत काल के अनेक शासकों के राज्याश्रय में रहे खुसरो उदार सोच रखते थे और उनमें धार्मिक संकीर्णता और कट्टरता बिलकुल नहीं थी।

इस चयन के संपादक डॉ. माधव हाड़ा मध्यकालीन साहित्य के मर्मज्ञ हैं। वे उदयपुर विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर और हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं. और इन दिनों भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में फैलो हैं।

अमीर ख़ुसरो | Ameer Khusaro

SKU: 9788195297573
₹185.00 Regular Price
₹166.50Sale Price
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Only 1 left in stock
  • Author

    Madhav Hada

  • Publisher

    Rajpal & Sons

  • No. of Pages

    125

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