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दक्षिण भारत में एक छोटा-सा नगर था, जिसमें एक व्यापारी वर्धमान रहता था। वर्धमान के पिता वैसे तो उसके लिए काफी धन और अच्छा कारोबार छोड़ गए थे, किन्तु फिर भी उसके दिल में एक लालसा थी कि वह किसी-न-किसी ढंग से अमीर आदमी बन जाए, इतना अमीर कि चारों ओर उसके ही नाम के चर्चे हों। यही सोच हर समय उसके दिमाग में घूमती रहती थी- 'धनवान बनूं, अमीर बनूं। धनवान बनने के लिए कौन-कौन से रास्ते हैं?"

सरकारी नौकरी, खेती, विद्या, ब्याज, व्यापार और भिक्षा। यही छः रास्ते थे उसके सामने। अमीर बनने के लिए उसे छः रास्तों में से एक को चुनना था, उसकी मंजिल केवल एक ही थी अमीर बनना ।

सरकारी नौकरी में तो अफसरों को दिन-रात प्रणाम करना पड़ेगा । फिर उनकी डांट भी सुननी पड़ेगी। फिर भी क्या भरोसा था कि वह कब तक अमीर बनेगा?

पंचतंत्र की कहानियाँ | Panchtantra Ki Kahaniyan

SKU: 9788190970990
₹250.00 Regular Price
₹212.50Sale Price
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  • Author

    Aacharya Bharatram Bhatt

  • Publisher

    Rashtriya Prakashnalay

  • No. of Pages

    128

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