एकांत, शांत क्षणों में बीती स्मृतियाँ जब स्मृति पटल पर जागृत होती हैं, तो वह अनुभव ही अलौकिक होता है और ऐसे ही क्षणों में साहित्य की सृजना हो जाती है। 'मेरी स्मृतियाँ' एक संस्मरणात्मक पुस्तक है जिसमें 1992 तक की घटनाओं का समावेश है।
सन् 1975 के बाद देश में कई राजनीतिक एवं सामाजिक परिवर्तन हुए। इनमें अधिकांश से मेरा संबंध रहा है। राजनीति के क्षेत्र में मुझे विरोधी दल की एक प्रमुख नायिका की भूमिका निभानी पड़ी। राजसी माहौल में पली होने पर भी मुझे किस प्रकार प्रजातंत्र से समझौता करना पड़ा, ये सब इतिहास की बातों तो हैं ही, साथ ही सामान्य पाठक के लिए सही ज्ञान का स्त्रोत भी हैं जिसे वे मुक्त लेखक से प्राप्त करते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में 1975 से 1992 तक की घटनाओं का वर्णन और उन पर मेरी प्रतिक्रिया इसकी विशेषतायें हैं। सन् 1975 के बाद की स्मृतियों का इस पुस्तक में समावेश करना बड़ा कठिन कार्य रहा और मैं सोचती थी कि शायद यह कार्य पूरा होना संभव नहीं होगा।
मेरी स्मृतियाँ | Meri Smritiyan
Author
Rajmata Gayatri Devi
Publisher
Rajasthani Granthagar
No. of Pages
293