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आत्मकथा जीवन का सत्यान्वेषण है, कल्पना के अवकाश की कोरी उड़ान नही है। आम आदमी का जीवन प्रेरणास्पद नहीं हो सकता, महान् व्यक्तियों का व्यक्तित्व एवं कृतित्व आम आदमी के लिए दिशाबोध का काम करता है, उनके जीवन के आदर्शनिष्ठ मूल्यों को स्वीकार करता हुआ उस पथ पर अपने आपको ढालने का प्रयास करता है। आत्मकथा - सत्य एवं स्पष्टवादिता को लेकर चलती है, अतः हर आदमी के लिए सम्भव भी नहीं है कि वह इस दिशा में कदम उठाने का अधिकारी हो, लेकिन सर्वसाधारण के लिए यह आवश्यक है कि वह महापुरुषों की जीवनी एवं आत्मकथाओं का गम्भीर अध्ययन कर प्रेरणा प्राप्त करे। विश्व के महान् व्यक्ति अपने त्याग, उदारता और सेवा के कारण जन-मानस पर अमिट छाप छोड़ सके, ऐसे महापुरुष एक देश में जन्म लेने पर भी किसी एक ही देश की निधि नहीं कहला सकते अपितु समस्त विश्व के लिए आदर्श एवं उदाहरणीय होते हैं। भारतवर्ष में जन्म लेने वाले महापुरुषों में वाल्मीकि, व्यास, कालिदास, परमहंस, विवेकानन्द, दयानन्द, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, महात्मा गाँधी व महर्षि अरविन्द आदि अनेक नाम उल्लेखनीय हैं उनमें - रवीन्द्रनाथ ठाकुर ऐसे महापुरुष हैं जिन्होंने अपने सुलझे चिन्तन के माध्यम से विश्व को दर्शन क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान कर विश्वकवि होने का गौरव प्राप्त किया। 'गीताञ्जलि' पढ़ कर विश्वजनीन प्रबुद्धवर्ग अचम्भित रह गया और संसार का प्रख्यात पुरस्कार 'नोबेल पुरस्कार' इस कृति पर प्रदान किया गया जिससे भारतीय साहित्यकारों की ही प्रतिष्ठा नहीं बड़ी अपितु समूचा राष्ट्र व विश्व का साहित्यकार गौरवान्वित हुआ। महाकवि रवीन्द्र इस राष्ट्र की महान् आत्मा कहलाने लगे। यह सब कुछ उनके मौलिक सिद्धान्...

मेरी आत्मकथा | Meri Aatamkatha

SKU: 9789382907312
₹400.00 Regular Price
₹340.00Sale Price
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  • Author

    Rabindranath Tagore

  • Publisher

    Sahitya Niketan

  • No. of Pages

    109

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