'चाणक्य नीति' आचार्य चाणक्य के विश्वविश्रुत ग्रन्थ 'कौटिलीय अर्थशास्त्र' का संक्षिप्त संस्करण है, जिसमें धर्म, समाज तथा राजनीति के गूढ़ तत्त्वों को अत्यन्त सरल शैली में प्रस्तुत किया गया है। इस ग्रन्थ का अध्ययन करने वाला व्यक्ति धर्मशात्रों में निरूपित सभी करणीय-अकरणीय कर्मों की जानकारी प्राप्त करके सत्कर्मों का अनुष्ठान कर सकता है। एक पद्य में तो यह भी कहा गया है-येन विज्ञातमात्रेण सर्वज्ञत्वं प्रतिपद्यते । अर्थात् इसे जानने वाला
व्यक्ति राजनीति का पूर्ण विद्वान् बन जाता है।
संस्कृत भाषा में लिखा गया यह ऐसा महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है, जिसमें लोकव्यवहार, धर्म तथा राजनीति से सम्बन्धित ऐसी अनेक शिक्षाप्रद व उपयोगी जानकारी का समावेश है, जिसे जानकर कोई भी व्यक्ति, जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है। वास्तव में, 'चाणक्य नीति' भारतीय चिन्तन पद्धति का विश्वकोश है, जिसने सभी पाश्चात्य विद्वानों की बोलती बन्द कर दी है तथा जिसकी तुलना का ग्रन्थ पूरे विश्व में कहीं भी नहीं मिलता।
चाणक्य सूत्र भी अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं, अतः हम अपने पाठकों के लिए इन सूत्रों को भी इसी पुस्तक में दे रहे हैं, ताकि हमारे पाठकों को इनकी भी जानकारी हो जाये और उन्हें इनको ढूँढ़ने के लिए अन्यत्र भटकना न पड़े।
Sampurn Chanakya Neeti aur Chanakya Sutra | सम्पूर्ण चाणक्य नीति और चाणक्य सूत्र
Author
Aacharya Chanakya
Publisher
Vani Prakashan
No. of Pages
160
























