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राजपूत नारी की वीरता, साहस, त्याग, दृढसंकल्प, कष्ट-सहिष्णुता, धर्म और पति-परायणता, शरणागत वत्सलता स्तुत्य रही है। अपने शील व स्वाभिमान की रक्षा के लिए वीर माता, वीर पत्नी और वीर पुत्री के रूप में उसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है, उस पर प्रस्तुत पुस्तक में संक्षेप में प्रकाश डाला गया है।

पौराणिक रामयणकालीन, महाभारत कालीन राजपूत रानी के आदर्श तत्कालीन युग के अनुरूप निर्धारित हुए। मध्यकाल जब आया तो उस काल की मांग के अनुरूप राजपूत नारी की चारित्रिक विशेषताओं के भिन्न मापदण्ड स्थापित हुए। यों तो हरयुग में राजपूत नारी में थोड़ा बहुत बदलाव आता रहा है। पर मूलभूत शाश्वत संस्कारों में विशेष अन्तर नहीं आया और प्राचीन मान्य आदर्शों से राजपूत संस्कारित होती रही है।

राजपूत नारियां | Rajput Nariya

SKU: 9788190042580
₹250.00 नियमित मूल्य
₹212.50बिक्री मूल्य
मात्रा
स्टाक खत्म
  • Author

    Vikram Singh Rathore

  • Publisher

    Rajasthani Sahitya Sansthan

  • No. of Pages

    176

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