पेरेन्टिंग अनलर्निंग है- जो सीखा, उसको भुलाकर नए सिरे से सीखने की कवायद । घर एक अनलर्निंग का स्कूल है। बड़े होकर हम फ़िक्रमंद होना, खुद पर शक करना, बात-बात पर दूसरों की स्वीकृतियाँ ढूँढ़ने में उलझे रहते हैं। अपने डर छुपाते फिरते हैं। भीतर की तकलीफ़ों को नकारते हैं। हम यह मानकर चलते हैं कि अपनी कमियों को भुलाकर बच्चों में सारी खूबियाँ डाल सकते हैं। सोचते हैं कि बच्चों को हमारे दिखावे का पता भी नहीं चलेगा।
दरअसल, अगर आप बच्चों पर बहुत मेहनत कर रहे हैं, और आपको लग रहा है कि फिर भी कुछ हासिल नहीं हो रहा है, तो मेहनत करना बंद कर दीजिए। अपने आपको आराम करने की अनुमति दीजिए। कुछ मत करिए। बच्चों को कोई संस्कार मत सिखाइए। उन्हें मत सिखाइए कि ख़ुश कैसे रहा जाता है। उन्हें तौर-तरीके मत बताइए। उन्हें निडर होने को मत कहिए। बच्चे अपने माँ-बाप का आईना होते हैं। वो हमें वो सब दिखा देते हैं, जो हम अपने बारे में, अपने आपसे छिपा रहे थे।
मम्मा की डायरी | Mamma Ki Diary
Author
Anu Singh Choudhary
Publisher
Hind Yugm
No. of Pages
159
























