आर्यों के आने से पूर्व यहाँ द्रविड़ों कि सभ्यता थी। द्रविड़ों ने भारत के उत्तर पश्चिम क्षेत्र एवं दक्षिण प्रायद्वीप में अपनी बस्तियाँ और नगर बसाए, तथा मेसोपोटामिया जैसे सुदूर देशों में अपना व्यापार फैलाया। मध्य एशिया से आये आर्यों ने हलके एवं तीक्ष्ण हथियारों व गतिशील रथों की सहायता से द्रविड़ों पर विजय प्राप्त की। देवासुर संग्राम के बाद आर्यों व द्रविड़ों का संविलयन प्रारम्भ हुआ।
दक्षिण की दिशा अगस्त्य की दिशा कहलाती है। मुनि अगस्त्य ही आर्यों को दक्षिण तक लेकर गए तथा अनेक द्रविड़ों को आर्यों में सम्मिलित किया। राम ने दक्षिण को जीता किन्तु राम की विजय आर्यों की दक्षिण विजय नहीं थी क्योंकि राम-रावण युद्ध से पूर्व ही राम ने आर्यों व द्रविड़ों का एकीकरण कर नई सभ्यता, नया धर्म और नई संस्कृति का निर्माण कर दिया था, जिसने भारत को एक राष्ट्र के रूप में स्थापित करना प्रारम्भ किया।
राम के द्वारा किये गए अनेक महान कार्यों में यह महानतम था, जिसने ईश्वर के रूप में उनका रूपान्तरण कर दिया।
मेरा राम मेरा देश । Mera Ram Mera Desh
Author
Sanjay Tripathi
Publisher
Manjul Publishing
No. of Pages
333