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5 जून 1974 को पटना के गाँधी मैदान से, ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ के शंखनाद के साथ जेपी ने जिस आंदोलन की नींव रखी, और सत्ता की जड़ें हिला दीं, उसी आंदोलन से निकले उनके दो ‘सिपाही’ बिहार को कहाँ लेकर गए यह ‘राजनीति शास्त्र’ की किताबों में कहीं दर्ज नहीं है। कैसे एक ने अपने कार्यकाल में अपहरण, फिरौती, रंगदारी और सुपारी किलिंग की इंडस्ट्री जमा दी, प्रतिभा का पलायन करवा दिया और जाति की राजनीति के सहारे जम गए, तो दूसरे ने ‘सुशासन बाबू’ बनने की आड़ में ‘शराब के ठेकों’ के सहारे कुर्सी हथिया ली। पिछले तीस साल में बिहार के इन दो कर्णधारों ने बिहार का बंटाधार ही किया। जेपी के दोनों चेलों की यह कहानी बिहार की पृष्ठभूमि पर रची गई ‘हाउस ऑफ कार्ड्स’ सी है, पर फिक्शन नहीं, फैक्ट है।.

Gandhi Maidan : Bluff of Social Justice | गाँधी मैदान

SKU: 9789387464964
₹299.00 नियमित मूल्य
₹269.10बिक्री मूल्य
मात्रा
स्टाक खत्म
  • Author

    Anuranjan Jha

  • Publisher

    Hind Yugm

  • No. of Pages

    220

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