जीवन के बिंबों से भरी संजीदा कहानियों और चुटकी भर शब्दों की तड़प भरी बेवजह की बातों से इतर यात्रा, संस्मरण और गप से बने लोकजीवन के रेखाचित्र। मौखी नंबर आठ, नरगासर, मुड़दा कोटड़ी, रेलवे मैदान, पनघट रोड, भड़भूँजे की भाड़, मोहन जी का सिनेमा, चाय की थड़ी, दल्लुजी कचौड़ी वालों की दुकान, फ़कीरों का कुआँ, स, लुहारों का वास जैसे बेहिसाब ठिकाने, जिनसे मिलकर अलसाए, ऊँघे बाड़मेर की जो सूरत बनती है, वही सब ये किताब है। कहानी नहीं है किंतु कहानी ही है। कि इस किताब में रेगिस्तान के छोटे से क़स्बे बाड़मेर से की गई दूर-नज़दीक की यात्राओँ, बिछड़े दोस्त की याद, बड़ी हस्तियों से की गई बेआवाज़ बातचीत, भांग और विज्ञान के अद्भुत मेल से बनी गप और वह सब, जो आधे जगे, आधे खोए रचे गए।.
Kaalo Thiyu Sai | कालो थियु सै
SKU: 9789387464728
₹125.00मूल्य
स्टाक खत्म
Author
Kishore Choudhary
Publisher
Hind Yugm
No. of Pages
144
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