तुकाराम चेरीटेबल ट्रस्ट का वजूद एक बार फिर खतरे में। बड़े अन्डरवर्ल्ड डॉन की उस पर नजर। साफ धमकी जारी की: “बेचो! नहीं तो छीन लूँगा!” कूपर कम्पाउन्ड न बिका, न छिना, बल्कि एक बड़ी गैंग वार की बुनियाद बना। विमल फिर जान जोखिम के खेल में। कूपर कम्पाउन्ड टॉप मिस्ट्री राइटर सुरेन्द्र मोहन पाठक की चमत्कारी लेखनी फिर जलाल पर। साहित्य विमर्श प्रकाशन की गौरवशाली प्रस्तुति
Cooper Compound | कूपर कम्पाउंड
SKU: 9789392829772
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Author
Surendra Mohan Pathak
Publisher
Sahitya Vimarsh
No. of Pages
336
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