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वयं रक्षामः प्रागैतिहासिक अतीत की कृति है। इसके कथानक के मूलाधार राक्षसराज रावण तथा

महापुरुष राम हैं। "इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य, अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्मृत पुरातन रेखाचित्र है, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देखकर सारे संसार ने अन्तरिक्ष का देवता मान लिया था। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गयी बातें, मैं आपको सुनाने पर आमादा है। उपन्यास में मेरे अपने जीवन-भर के अध्ययन का सार है....

वयं रक्षामः | Vayam Rakshamah

SKU: 9789390625369
₹300.00 नियमित मूल्य
₹270.00बिक्री मूल्य
मात्रा
स्टाक खत्म
  • Author

    Aacharya Chatursen

  • Publisher

    Lokbharti Prakashan

  • No. of Pages

    407

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